RBI Guideline: आजकल कई लोग विभिन्न कारणों से बैंक से लोन लेते हैं, लेकिन कभी-कभी आर्थिक परिस्थितियों के कारण समय पर ईएमआई का भुगतान नहीं कर पाते। ऐसी स्थिति में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कर्जदारों को राहत देने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
आरबीआई के नए नियमों का मुख्य उद्देश्य
नए नियमों का मुख्य उद्देश्य लोन खातों में पेनल्टी और ब्याज दरों में पारदर्शिता लाना है। इन नियमों के तहत बैंक अब केवल उचित दंडात्मक शुल्क ही लगा सकेंगे और ब्याज पर ब्याज की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है।
पेनल्टी के नए नियम
इन नियमों के अनुसार:
- बैंक अब ब्याज पेनल्टी को आय का साधन नहीं बना सकेंगे
- ईएमआई बाउंस होने पर फाइन तो लगेगा, लेकिन उस फाइन पर अतिरिक्त ब्याज नहीं लगेगा
- दंडात्मक शुल्क एक निश्चित सीमा से अधिक नहीं हो सकता
- जुर्माने पर अलग से ब्याज की गणना नहीं की जाएगी
किन संस्थाओं पर लागू होंगे नए नियम
ये नियम निम्नलिखित वित्तीय संस्थाओं पर लागू होंगे:
- सभी वाणिज्यिक बैंक
- सहकारी बैंक
- एनबीएफसी कंपनियां
- नाबार्ड
- हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां
- एनएचबी
- एक्जिम बैंक
- सिडबी
- एनएबीएफआईडी
- अन्य अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान
कहां लागू नहीं होंगे नए नियम
कुछ वित्तीय सेवाएं इन नियमों से बाहर रखी गई हैं:
- क्रेडिट कार्ड
- बाहरी वाणिज्यिक उधार
- व्यापार क्रेडिट
लोन धारकों को मिलने वाले लाभ
इन नए नियमों से लोन धारकों को कई लाभ मिलेंगे:
- ईएमआई चूक जाने पर मनमानी पेनल्टी नहीं लगेगी
- पेनल्टी पर अतिरिक्त ब्याज का बोझ नहीं पड़ेगा
- वित्तीय बोझ में कमी आएगी
- अधिक पारदर्शी व्यवस्था का लाभ मिलेगा
आरबीआई के नए दिशा-निर्देश लोन धारकों के लिए बड़ी राहत लेकर आए हैं। ये नियम न केवल वित्तीय संस्थाओं की मनमानी पर रोक लगाएंगे बल्कि लोन चुकाने में परेशानी का सामना कर रहे लोगों को भी राहत प्रदान करेंगे। इससे बैंकिंग व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ेगी और ग्राहकों के हितों की रक्षा होगी। हालांकि, यह भी महत्वपूर्ण है कि लोन लेते समय अपनी चुकाने की क्षमता का सही आकलन करें और समय पर ईएमआई का भुगतान करने का प्रयास करें।